बहुत सारे लोग इसके बारे में बात नहीं करते, मगर आप यह न भूलें कि गर्भनाल ने 9 महीनों तक, जब आपका बच्चा के गर्भ में था, आपके शिशु के लिए जीवन रक्षक का कार्य किया है| तो यहाँ हमने आपको माँ और शिशु के बीच गर्भनाल कटने के बाद गर्भनाल ध्यान से रखने के लिए कई सुझाव देने का निश्चय किया है जो आपको शुरू के दिनों में इसकी देखभाल के तरीकों से अवगत कराएगा जबतक ये खुद सूख कर न गिर जाएँ !
गर्भनाल
गर्भ में शिशु और माँ के बीच का संपर्क श्रोत गर्भनाल होता है। गर्भनाल के द्वारा सभी पोषण, बढ़ते हुए शिशु को मिलते हैं। आॅक्सीजन वाला रक्त गर्भनाल की 2 धमनीयो से शिशु तक पहुँचता है। आॅक्सीजन रहित रक्त गर्भनाल की एक नस द्वारा शिशु के शरीर से बाहर निकलता है। गर्भावस्था के अंत में इस गर्भनाल को दोनों माँ और शिशु के छोरों से काट दिया जाता हैं। आजकल इस गर्भनाल को संभाल कर रखा जाने लगा है क्योंकि वैज्ञानिकों को अब इसमें ज़मा मूल कोशिकाओं का महत्व समझ आ गया है। जब इसे शिशु के छोर से काटा जाता है तो यह 2-3 सेंटीमीटर की छोटी सी खूंटी (गर्भ नाल के स्टंप)उसके पेट पर छोड़ दी जाती है। इस गर्भ नाल के स्टंप का ध्यान इसके सूखने तक रखना होता है क्योंकि इस गर्भ नाल के स्टंप में कोई भी नस नहीं होती इसलिए यह आपके शिशु को पीड़ा नहीं पहुँचाती।
आप इस खूंटी का ख्याल कैसे रखें?
1. सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि, स्टंप के आसपास की जगह साफ और सूखी होनी चाहिए। ऐसा ना करने से संक्रमण(infection) हो सकता है।
2. डाईपर को सही तरह से पहनाएं जिससे कि वह खूंटी से दूर हो। दूसरा विकल्प यह है कि पेट के पास से डाईपर वाले हिस्से को काटकर स्टंप को किसी भी घर्षण से बचाएं।
3. गर्भ नाल के स्टंप को हवा के साथ संपर्क में रखें।
4. गर्भनाल के गिरने तक शिशु को टब में नहलाने से परहेज रखें।
5. खुद खींचकर गर्भ नाल के स्टंप को उतारने की कोशिश ना करें। उसे प्राकृतिक रूप से गिरने दे।
6. खूंटी के गिरने से हो सकता है कि थोड़ा खून या पस निकले। घबराएँ नहीं, ऐसा होना आम बात है। साफ कपड़े से उसे पोंछ दे।
यह कब निकल जाएगी?
पहले दिन गर्भनाल सफेद और लसदार दिखाई देती है। यह समय के साथ सूखकर धूसर या नीले रंग की हो जाती है और फिर काले रंग में बदल जाती है। ज्यादातर शिशुओं में इसे झड़ने के लिए कम से कम 2 हफ्ते लगते हैं। तीन हफ्तों के पश्चात ये खूंटी पूरी तरह से गिर जाती हैं। उस भाग को पूरी तरह से ठीक करने के लिए उसे साफ रखें।
गर्भनाल स्टंप को किस प्रकार धोएँ?
जल्दी और बेहतर तरीके से ठीक होने के लिए अपने शिशु के गर्भनाल खूंटी को जितना हो सके उतना पानी से दूर रखें। स्पंज स्नान कराना एक बढ़िया विकल्प है| साफ कपड़े से पेट के आस पास का हिस्सा साफ करें। नहलवाने के बाद पेट के आस पास की जगह को पंखें से सूखा दें। गर्भनाल स्टंप के आप पास न रगड़ें, क्योंकि इससे त्वचा पर जलन हो सकती हैं।
आपको कब चिंतित होना चाहिए?
आप बच्चों के डाॅक्टर से तुरंत ही संपर्क करें अगर :-
1. गर्भ नाल स्टंप के तल पर पीली या सफेद पस देखें जिससे बदबू आ रहीं हो।
2. गर्भ नाल स्टंप के पास से खून की बूँदें लगातार बह रही हो।
3. गर्भ नाल स्टंप का तल लाल और सूजा हुआ लगे।
4. आपका शिशु गर्भ नाल स्टंप पर आपके हाथ लगाने से रोने लगता है।
अपने शिशु को पहले ही दिन से स्वस्थ रखें। एक स्वस्थ बच्चा ही एक सुखद मातृत्व का परिचायक है!