शिशु की दृष्टि व उससे जुड़े अंग अंत में विक्सित होते हैं! इस कारण शिशु के जन्म के बाद उसकी आँखें खुल नहीं पाती! अगर खुलती भी हैं तो कम और उन्हें धुंदला दिखाई देता है! शिशु के जन्म के बाद वह केवल 8 से 12 मील दूर देख सकता है! आप शिशु की दृष्टि से जुड़ी बातें जानना चाहती होंगी! तो चलिए यह मज़ेदार पोस्ट पढ़ें!
शिशु की आँखें सबसे पहले कब खुलती हैं ?

आपके शिशु की आँखें गर्भ में 28 हफ़्तों तक नहीं खुलतीं! इससे उसकी पुतली (रेटिना) का पूर्ण विकास सफलता पूर्व होता है! उसके बाद शिशु गर्भ में पलकें झपकाता है!
एक मज़ेदार बात
अगर आप जुड़वां बच्चे की माँ हैं तो गर्भ में दोनों शिशु एक दूसरे को देखकर गर्भ में ही हाथ मिला सकते हैं!
अन्य रोचक तथ्य

वैसे तो गर्भ में भ्रूण रौशनी व अँधेरे के बीच भेद महसूस कर सकता है परन्तु उनकी आँखें 20वे हफ्ते तक पूर्ण रूप से विक्सित नहीं होती हैं !
शिशु अपनी आँखें सर्वप्रथम 26 से 28 वे हफ्ते तक खोल पाता है! उसके बाद 32 वे हफ्ते में वह कई बार पलकें झपका सकता है! दृष्टिकोण का विकास जटिल प्रक्रिया है इसलिए यह जन्म के बाद भी चलती रहती है!
शिशु को गर्भ में क्या दिखाई देता है ?

शिशु को धुंदला दिखाई देता है! उसे एक लाल गुब्बारा सा दिखाई देता है जिसमे लाल रंग का रक्त संचारित हो रहा होता है !
शिशु रौशनी पड़ने पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे ?

शिशु को उसकी माँ के पेट पर पड़ रही रौशनी दिखाई दें पर वह पैर मार सकता है!
क्योकि शिशु का जन्म होने ही वाला है इसलिए चिंता न करें! उसके सभी अंग प्रसूति तक विकसित हो ही जायेंगे!