नुचल कॉर्ड शिशु के गले में लगी माँ की गर्भनाल जैसी ही रक्त की बनी नाल होती है। कई माँयें ऐसा नहीं चाहती की शिशु के जन्म के वक्त उनके गले में खून की नाल लगी हो। उनको लगता है की उससे उनके शिशु का गला दब जायेगा।
स्वस्थ्य शिशु को पोषण माँ की गर्भनाल से मिल जाता है। वे जन्म से पहले तक सांस नहीं लेते। जन्म के बाद रोने के माध्यम से ऑक्सीजन उनके फेफड़ों में जाता है। इस कारण जन्म के 2 मिनट बाद गर्भनाल को संभाल कर रखना ज़रूरी होता है। ऐसे में नुचल कॉर् ड कैसे मदद करता है। जानिए कुछ दिलचस्प बातें।
#1: 1/3 बच्चों के गले में गर्भनाल लगी होती है.

ऐसा इसलिए क्योंकि शिशु का सर जब बाहर आ रहा होता है तब डॉक्टर या नर्सें माँ की गर्भनाल काटने के बजाय उसे शिशु के गले में लपेट देते हैं। जब तक की कोई गंभीर समस्या न हो तब तक गर्भनाल को नहीं छेड़ना नहीं चाहिए। इनकी लम्बाई 50-60 सेंटीमीटर तक होते हैं।
#2: स्वस्थ्य गर्भनाल पर मोम की पतली परत लगी होती है

मोम की महीन परत गर्भनाल के अंदर की रक्त कोशिकाओं को सुरक्षित रखती है।
#3: प्रसव निकट आते ही नुचल कॉर्ड सख्त नहीं होता

शिशु जब जन्म ले रहा होता है तब उसका गला गर्भनाल से नहीं जकड़ा होता है। शिशु आसानी से बाहर आ जाता है।
#4: नुचल कॉर्ड से कोई गंभीर दिकक्तें नहीं होती

अगर शिशु के गले में गर्भनाल लगाई जाये तब भी शिशु को उससे कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी। शिशु कुछ दिनों में सामान्य हो जायेगा।
#5: कसे हुए नुचल कॉर्ड से भी खतरा नहीं है

कुछ शिशुओं में गले पर कसा हुआ (गर्भ)नाल लगा होता है। यह चिंता की बात नहीं है क्योंकि ऐसा शरीर में कम हीमोग्लोबिन लेवल के कारण होता है। धीरे धीरे यह ठीक हो जायेगा।
#6: शिशु के गले में नाल होना सी-सेक्शन का संकेत नहीं है

वैज्ञानिकों ने कहा है की शिशु के गले में नल लगी होने का मतलब यह नहीं की वे महिला का सी-सेक्शन करें।
#7: अनेक गर्भनालों से भी खतरा नहीं होता

याद रखिये की जन्म के दौरान गर्भाशय, प्लासेंटा और गर्भनाल सभी शिशु के साथ नीचे खिसकते हैं। नाल का लम्बा होना खतरे की बात नहीं है। क्योंकि लम्बी नाल से शिशु माँ के शरीर से सरलता के निकल सकता है। छोटी नाल से खतरा होता है क्योंकि शिशु तक ऑक्सीजन पहुँच नहीं सकता।
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