महिलाओं में नई तरह की बीमारियां उतपन्न होने लगी हैं। आपने PCOD, इनफर्टिलिटी प्रोब्लेम्स के बारे में तो सुना या पढ़ा ही होगा। इन्ही में से एक है फाइब्रॉइड समस्या। यह महिला के गर्भाशय को प्रभावित करती है और अगर ध्यान न दिया जाये तो यह गर्भाशय से बाहर फैल कर योनि को भी प्रभावित कर सकती है।
इस पोस्ट में फाइब्रॉइड के बारे में आप समझ लें।
फाइब्रॉइड क्या होता है?

फाइब्रॉइड महिला के गर्भाशय में होने वाली अप्राकृतिक ग्रोथ होते हैं जिनमें कुछ जरूरत से ज़्यादा सेल्स और कोशिकाएं एक साथ जुड़ कर गाँठ का रूप ले लेती हैं।
फाइब्रॉइड किस कारण से होता है?

फाइब्रॉइड का मुख्य कारण तो नहीं जान पाया गया है परन्तु इसके किये इस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की उच्च मात्रा को दोष दिया जाता है। इसके अन्य कारण हैं:
1. घर में पहले कभी किसी स्त्री का फाइब्रॉइड का मरीज़ होना
2. मोटापा
3. मांस का सेवन करना
4. शराब
5. कैफीन
6. विटामिन-डी की कमी होना
7. शरीर में विटामिन-ए की अत्यधिक मात्रा होना
8. उच्च रक्तचाप भी फाइब्रॉइड को जन्म दे सकता है
फाइब्रॉइड के कैसे लक्षण होते हैं?

महिलाएं अक्सर फाइब्रॉइड को समझ नहीं पातीं क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं दिखते। ऐसा माना जाता है की 3 में से एक महिला फाइब्रॉइड बी शिकार हो जाती है। फाइब्रॉइड का पता तब चलता है जब महिला को निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगें:
1. शरीर के निचले हिस्सों जैसे की पेट के आस-पास, गर्भाशय व मूत्राशय के आस पास दर्द होना,
2. माहवारी में अत्यधिक रक्त स्त्राव होना या माहवारी में बहुत दर्द होना।
3. पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना

4. बार बार मूत्र त्याग करना
5. कब्ज़
6. सेक्स के दौरान दर्द या असहजता
फाइब्रॉइड से जुड़ी अन्य दिक्कतें:

कुछ महिलाओं में फाइब्रॉइड उनमें बाँझ बनने (बच्चा न पैदा कर पाने के लायक), समय से पहले शिशु की डिलीवरी या गर्भपात/बच्चा गिरने का कारण बन जाता है।
फाइब्रॉइड से बचाव कैसे करें?

फाइब्रॉइड से बचाव के लिए हरी सब्ज़ियां फायदेमंद साबित हुई हैं। उनमें पोषक तत्व होते हैं जो उन्हें कैंसर से भी दूर रखते हैं।
जिन महिलाओं को एक या दो बच्चे हो जाते हैं, उन्हें फाइब्रॉइड का कम खतरा होता है।
क्या ये जानलेवा है?

जी नहीं। इससे आपमें माहवारी जैसा रक्तस्त्राव हो सकता है। इसलिए समय रहते इसका इलाज करवा लें।
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